गुरु की नगरी पांवटा साहिब में विशेष कवि दरबार का आयोजन, देश के कौने कौने से आए 100 से ज्यादा कवियों ने पेश की अपनी रचनाएं, सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह महाराज द्वारा शुरू की गई परम्परा आज भी कायम,

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गुरु की नगरी पांवटा साहिब में विशेष कवि दरबार का आयोजन,
देश के कौने कौने से आए 100 से ज्यादा कवियों ने पेश की अपनी रचनाएं,
सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह महाराज द्वारा शुरू की गई परम्परा आज भी कायम,
युवाओं को कवि दरबार से जोड़ने और कवि बनाने के लिए पहले 2 दिन दिया गया प्रशिक्षण,
प्रशिक्षण के बाद चयनित 105 कवियों को गुरूद्वारा पांवटा साहिब में मिला कविताएं पेश करने का मौका,
VR Media Himachal
पांवटा साहिब। ऐतिहासिक गुरु की नगरी पांवटा साहिब में करीब 350 साल पहले गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी के द्वारा शुरू की गई कवि दरबार लगाने की परंपरा आज भी कायम है। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा साहिब प्रत्येक महीने की पूर्णिमा की रात को कवि दरबार का आयोजन करती है। लेकिन इस पूर्णिमा यहां गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने एक नई मुहिम शुरू की है, जिसके तहत बीते दो दिन युवाओं को कवि दरबार से जोड़ने और उन्हें कविताएं पढ़ने के लिए जहां प्रशिक्षण दिया गया, तो वहीं पूर्णिमा की रात प्रशिक्षण में चयनित हुए 100 से अधिक देश के कौने-कौने से आए कवियों को रचनाएं प्रस्तुत करने का मौका भी मिला।
मीडिया से बात करते हुए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा साहिब के मैनेजर सरदार जागीर सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा पांवटा साहिब में गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने कवि दरबार लगाने की परंपरा शुरू की थी, जो आज भी बखूबी निभाई जा रही है। देश में कहीं भी कवि दरबार स्थान नहीं बना है, केवल मात्र पांवटा साहिब ही एक ऐसा स्थान है, जहां पर गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी ने कवि दरबार स्थान की स्थापना की थी। आज उसी स्थान पर प्रति माह पूर्णिमा की रात को कवि दरबार आयोजित किया जाता है। आज यहां आयोजित कवि दरबार में 100 से अधिक कवियों ने अपनी-अपनी रचनाएं पेश की है।
कवि दरबार में शामिल होने पहुंचे कवियों ने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पांवटा साहिब ने एक बेहतरीन मुहिम शुरू की है। आज का युवा जो आधुनिक उपकरणों में खो चुका है, उसे कवि दरबार से जोड़ने और कवि बनाने के लिए जहां दो दिनों तक कार्यशाला आयोजित कर कविताओं की बारीकियां सिखाई गई, तो वही पूर्णिमा की रात यहां आयोजित विशेष कवि दरबार में उन्हें एक बेहतरीन मंच भी उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व महाराष्ट्र समेत देश के कोने-कोने से यहां 100 से अधिक कवि पहुंचे और कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की है।

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